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नवी मुंबई

अफ़गानिस्तानी घोषित चीनी लहसुन एपीएमसी में आता हुआ दिखाई दिया

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एपीएमसी में अफगानी लेबल वाले चीनी लहसुन की आमद देखी गई।

लहसुन

भारत में प्रतिबंधित चीनी लहसुन को अफ़गान लहसुन बताकर वाशी के कृषि उत्पाद बाज़ार समिति (एपीएमसी) में पहुँचा दिया गया है। लहसुन की मांग बढ़ गई है, खास तौर पर होटल व्यवसायियों के बीच, क्योंकि इसे आस-पास के इलाकों में उत्पादित लहसुन से कम कीमत पर बेचा जा रहा है।

स्वदेशी कृषि उत्पादों की रक्षा के लिए भारत ने चीन से लहसुन समेत किसी भी कृषि उत्पाद के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। स्थानीय बाज़ारों में लहसुन अब 300 से 400 रुपये प्रति किलो के बीच बिक रहा है, हालांकि पिछले कई महीनों में आपूर्ति में कमी के कारण इसकी कीमत बढ़ गई है। ऐसा माना जा रहा है कि कुछ आयातकों ने बाज़ार में चीनी लहसुन की तस्करी शुरू कर दी है।

चीनी लहसुन पहले नेपाल के रास्ते भारत में आयात किया जाता था, लेकिन आयातकों ने अब दूसरा रास्ता अपना लिया है। सूत्रों का दावा है कि चीनी लहसुन को पहले अफ़गानिस्तान भेजा जाता है, जहाँ से इसे अफ़गान लहसुन होने का झूठा दिखावा करके भारत में आयात किया जाता है ताकि नियमों को दरकिनार किया जा सके और वाशी में APMC प्रशासन को धोखा दिया जा सके।

बाजार ने कीमतों में अंतर पर ध्यान दिया है। अफ़गान के नाम से बेचा जाने वाला चीनी लहसुन 280 से 300 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच बिक रहा है, जो इसे स्थानीय लहसुन की तुलना में थोक खरीदारों के लिए ज़्यादा आकर्षक बनाता है, जिसकी कीमत 220 रुपये से 300 रुपये प्रति किलोग्राम है।

एक व्यापारी के अनुसार, मार्केट कमेटी को अभी इस तरह से चीनी लहसुन की शुरूआत पर गौर करना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से और अधिक अवैध आयात को रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई करने का आग्रह किया है, जो देश के लहसुन उद्योग के लिए खतरा पैदा करता है।

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